अपने खर्च का हिसाब रखें
ये आपके बज़ट का दूसरा हिस्सा है। यदि आप रोज़ खर्च होने वाले पैसे का हिसाब रखते है, उसकी रसीद रखते हैं, तो आप अपने तय किए हुए बज़ट से तालमेल बिठा सकते हैं।